फैक्ट चेक: क्या चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी उम्मीदवार पर लोगों ने हमला किया? जानें वायरल वीडियो का सच

क्या चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी उम्मीदवार पर लोगों ने हमला किया? जानें वायरल वीडियो का सच
  • बीजेपी नेता के काफिले पर हमले के दावे वाला वीडियो वायरल
  • सोशल मीडिया यूजर्स ने वीडियो को हालिया समय का बताकर किया शेयर
  • पड़ताल में गलत पाया गया दावा

डिजिटल डेस्क, भोपाल। सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें लोगों की भीड़ पत्थरों और डंडो से एक काफिले पर हमला करते नजर आ रहे हैं। इस दौरान लोगों की भीड़ से गाड़ी को बचाते सुरक्षाकर्मी भी दिख रहे हैं। वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो हरियाणा के सिरसा का है। जहां चुनाव प्रचार करने गए सिरसा लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार अशोक तंवर के काफिले पर गुस्साई भीड़ ने हमला कर दिया।

झारखंड कांग्रेस के आधिकारिक एक्स अकाउंट से इस वीडियो को शेयर किया है। इसके कैप्शन में लिखा, 'बीजेपी प्रत्याशी अशोक तंवर को सिरसा वालों ने आज ही लोकसभा में भेज दिया।'

इसके अलावा एक अन्य यूजर ने वीडियो शेयर कर लिखा, 'सिरसा में भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार दलबदलू अशोक तंवर का किसानों ने जोरदार स्वागत किया।'

पड़ताल - वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने इसके बारे में जानकारी एकत्रित की। इसके लिए सबसे पहले हमने इसके की-फ्रेम को गूगल पर रिवर्स सर्च किया। जिसमें हमें यह वीडियो पहरेदार भारत न्यूज नाम के यूट्यूब चैनल पर मिला। चैनल में वीडियो के बारे में दी गई जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो हरियाणा के सिरसा का है। जहां डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा की गाड़ी पर किसानों ने हमलों किया था। बता दें कि पहरेदार भारत न्यूज नाम के यूट्यूब चैनल पर इस वीडियो को वीडियो 3 साल पहले यानी 11 जुलाई साल 2021 को अपलोड किया गया था।

इसके अलावा अन्य कई मीडिया रिपोर्ट्स में भी वीडियो को लेकर यही जानकारी दी गई है। इन रिपोर्ट्स में ता कि 11 जुलाई 2021 को सिरसा में बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक से लौट रहे डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा के काफिले पर गुस्साए किसानों ने लाठी-डंडों और पत्थरों से हमला किया था।

इस तरह हमने अपनी पड़ताल में पाया कि इस वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर जो दावा किया जा रहा है वह पूरी तरह गलत है। इसे भ्रम फैलाने के उद्देश्य से वायरल किया जा रहा है। इसके अलावा इस वीडियो को हाल के समय का बताकर फैलाया जा रहा है। जबकि यह अभी का नहीं बल्कि 3 साल पुराना है।

Created On :   14 April 2024 6:31 PM IST

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